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% 616.s isongs output
\stitle{Gam kii a.ndherii raat me.n}%
\film{Sushila}%
\starring{}%
\singer{Talat, Rafi}%
\music{C Arjun}%
\lyrics{Jaan Nisar Akhtar}%
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% Contributor: Guri (buxi@ix.netcom.com)
% Transliterator: Ravi Kant Rai (rrai@plains.nodak.edu)
% Editor: Anurag Shankar (anurag@chandra.astro.indiana.edu)
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रफ़ी: ग़म की अंधेरी रात में
दिल को ना बेक़रार कर
सुबह ज़रूर आयेगी
सुबह का इन्तज़ार कर
ग़म की अंधेरी रात में
तलत: दर्द है सारी ज़िन्दगी
जिसका कोई सिला नहीं
दिल को फ़रेब दीजिये
और ये हौसला नहीं - २
रफ़ी: खुद से तो बदग़ुमाँ ना हो
खुद पे तो ऐतबार कर
सुबह ज़रूर आयेगी
सुबह का इन्तज़ार कर
ग़म की अन्धेरी रात में
तलत: खुद ही तड़प के रह गये
दिल कि सदा से क्या मिला
आग से खेलते रहे
हम को वफ़ा से क्या मिला - २
रफ़ी: दिल की लगी बुझा ना दे
दिल की लगी से प्यार कर
सुबह ज़रूर आयेगी
सुबह का इन्तज़ार कर
ग़म की अंधेरी रात में ...
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