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% BA02.s isongs output
\stitle{ab chhalakte hue saaghar nahii.n dekhe jaate}
\lyrics{Ali Ahmed Jalili}
\singers{Begum Akhtar}



अब छलक्ते हुए साग़र नहीं देखे जाते
तौबा के बाद ये मन्ज़र नहीं देखे जाते

मस्त करके मुझे औरों को लगा मूँह साक़ी
ये करम होश में रह कर नहीं देखे जाते

साथ हर एक को इस राह में चलना होगा
इश्क़ में रह्ज़न-ओ-रह्बर नहीं देखे जाते

हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन
उन्के बदले हुए तेवर नहीं देखे जाते