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% BA16.s isongs output
\stitle{na sochaa na samajhaa na siikhaa na jaanaa}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Begum Akhtar}



न सोचा न समझा न सीखा न जाना
मुझे आ गया ख़ुद्बख़ुद दिल लगाना

ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना
सिमट कर यहीं आ न जाए ज़माना

ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं की मुहरें
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना

गुलों तक लगाई तो आसाँ है लेकिन
है दुश्वार काँटों से दामन बचाना

करो लाख तुम मातम-ए-नौजवानी
प 'मिर' अब नहीं आएगा वो ज़माना