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% BA26.s isongs output
\stitle{itanaa to zi,ndagiii me.n kisii kii Khalal pa.De}
\lyrics{Kaifi Azmi}
\singers{Begum Akhtar}



इतना तो ज़िंदगीइ में किसी की ख़लल पड़े
हँसने से हो सुकून ना रोने से कल पड.ए

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी-पी के अश्क-ए-ग़म
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े

एक तुम के तुम को फ़िक्र-ए-नशेब-ओ-फ़राज़ है
एक हम के चल पड़े तो बहर्हाल चल पड.ए

%[nasheb = descent; faraaz = ascent]

मुद्दत के बाद उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह
जी ख़ुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े

साक़ी सभी को है ग़म-ए-तश्नालबी मगर
मै है उसी के नाम पे जिस के उबल पड़े