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% BA27.s isongs output
\stitle{duniyaaa ke sitam yaad na apanii hii vafaa yaad}
\lyrics{Jigar Moradabadi}
\singers{Begum Akhtar}



दुनियाअ के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद
अब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद

मैं शिक्वाबलब था मुझे ये भी न रहा याद
शायद के मेरे भूलनेवाले ने किया याद

जब कोई हसीं होत है सर्गर्म-ए-नवाज़िश
उस वक़्त वो कुछ और भी आते हैं सिवा याद

मुद्दत हुई इक हादसा-ए-इश्क़ को लेकिन
अब तक है तेरे दिल के धड़कने की सदा याद

मैं तर्क-ए-रह-ओ-रस्म-ए-जुनूँ कर ही चुका था
क्यूँ आ गैइ ऐसे में तेरी लग़ज़िश-ए-पा याद

%[laGazish-e-paa = trembling of the feet]