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% BA43.s isongs output
\stitle{un aa.Nkho.n kaa aalam gulaabii gulaabii}
\lyrics{Behzad Lucknawi}
\singers{Begum Akhtar}



उन आँखों का आलम गुलाबी गुलाबी
मेरे दिल का आलम शराबी शराबी

निगाहों ने देखी मुहब्बत ने मानी
तेरी बेमिसाली तेरी लाजवाबी

ये दुद-दीदा नज़रें ये रफ़्तार-ए-नाज़ुक
इंहीं की बदौलत हुई है ख़राबी

ख़ुदा के लिये अपनी नज़रों को रोको
तमन्ना बनी जा रहि है जवाबी

है "बेह्ज़द" उनकी निगाह-ए-करम पर
मेरी ना-मुरादी मेरी कामयाबी