ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% BA49.s isongs output
\stitle{gul phe.nke hai Gairo.n kii taraf balqe samar bhii}
\lyrics{Mohammed Rafi Sauda}
\singers{Begum Akhtar}



गुल फेंके है ग़ैरों की तरफ़ बल्क़े समर भी
है ख़ाना बरंदाज़-ए-चमन कुछ तो इधर भी

क्या ज़िद है ख़ुदा जानिये मुझ साथ वगर्ना
काफ़ी है तसल्ली को मेरी एक नज़र भी

किस हस्ती-ए-मौहूम पे नाज़ाँ है तू ऐ यार
कुछ अपने शब-ए-रोज़ कि है तुझ को ख़बर भी

तन्हा तेरे मातम में नहीं शाम से आहपोश
रहता है सदा चाक गरेबान-ए-सहर भी