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% BA51.s isongs output
\stitle{rasm-e-ulfat sikhaa gayaa ko_ii}
\lyrics{Daag Dehlvi}
\singers{Begum Akhtar #51}



रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
दिल की दुनिया पे छा गया कोई

ता क़यामत किसी तरह न बुझे
आग ऐसी लगा गया कोई

दिल की दुनिया उजाड़ सी क्यूँ है
क्या यहाँ से चला गया कोई

वक़्त-ए-रुख़्सत गले लगा कर "डाग"
हँसते हँसते रुला गया कोई