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% BA55.s isongs output
\stitle{hamako miTaa sake ye zamaane me.n dam nahii.n}
\lyrics{Jigar Moradabadi}
\singers{Begum Akhtar #55}



हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं

बेफ़ायदा अलम नहीं, बेकार ग़म नहीं
तौफ़ीक़ दे ख़ुदा तो ये ने'अमत भी कम नहीं

%[alam = sorrow; taufiiq = divine strength; ne'amat = divine blessing]

मेरी ज़ुबाँ पे शिकवा-ए-अहल-ए-सितम नहीं
मुझको जगा दिया यही एहसान कम नहीं

या रब! हुजूम-ए-दर्द को दे और वुस'अतें
दामन तो क्या अभी मेरी आँखें भी नम नहीं

%[vus'ate.n = spread out]

ज़ाहिद कुछ और हो न हो मैख़ाने में मगर
क्या कम ये है कि शिकवा-ए-दैर-ओ-हरम नहीं

मर्ग-ए-ज़िगर पे क्यों तेरी आँखें हैं अश्क-रेज़
इक सानिहा सही मगर इतनी अहम नहीं

%[saanihaa = incident; aham = important]