% FK08.s isongs output
\stitle{uzr aane me.n bhii hai aur bulaate bhii nahii.n}
\lyrics{Daag Dehlvi}
\singers{Farida Khanum #8}
उज़्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं
बाइस-ए-तर्क-ए-मुलाक़ात बताते भी नहीं
%[uzr = hesitate; bais-e-tark-e-mulaqat = basis for terminating acquaintanceship]
ख़ूब पर्दा है के चिलमन से लगे बैठे हैं
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं
हो चुका क़त त'ल्लुक़ तो जफ़ाएं क्यों हों
जिनको मतलब नहीं रहता वो सताते भी नहीं
ज़ीस्त से तंग हो अए डाग़ तो जीते क्यों हो
जान प्यारी भी नहीं जान से जाते भी नहीं