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\stitle{shaam-e-firaaq ab na puuchh aaii aur aake Tal gaii}
\lyrics{Faiz Ahmed Faiz}
\singers{Farida Khanum #10}
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आके टल गैइ
दिल था के फिर बहल गया, जाँ थी के फिर सम्भल गैइ
बज़्म-ए-ख़याल में तेरे हुस्न की शमा जल गैइ
दर्द का चाँद बुझ गया, हिज्र की रात ढल गैइ
जब तुझे याद कर लिया, सुभ महक महक उठी
जब तेरा ग़म जगा लिया, रात मचल मचल गैइ
दिल से तो हर मुआमला करके चले थे साफ़ हम
कहने में उनके सामने बात बदल बदल गैइ