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\stitle{aaj jaane kii zid na karo}
\lyrics{Faiyyaz Hashmi}
\singers{Habib Wali Mohammed}



आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
हाए! मर जाएंगे हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया न करो

तुम ही सोचो ज़रा क्यूँ न रोके तुम्हें
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी कसम जान-ए-जाँ
बात इतनी मेरी मान लो

गेसूयों की शिकन है अभी शबनमी
और पलको.म के साए भी मधोश हैं
हुस्न-ए-मसूम को जान-ए-जाँ
बेख़ुदी में न रुसवा करो

कितना मसूम-ओ-रंगीन है ये समा
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है
कैल की किसको ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को

वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इनको खो कर कहीं जान-ए-जाँ
उम्र भर न तरसते रहो