% abadayuni01.s isongs output
\stitle{ho.nTho.n pe kabhii un ke meraa naam hii aae}
\lyrics{Ada Jafri}
\singers{Ada Jafri}
होंठों पे कभी उन के मेरा नाम ही आए
आए तो सही बर-सर-ए-इल्ज़ाम ही आए
हैरान हैं लब्बस्ता हैं, दिलगीर हैं ग़ुंचे
ख़ुश्बू की ज़ुबानी तेरा पैग़ाम ही आए
लम्हात-ए-मसर्रत हैं तसव्वुर से गुरेज़ाँ
याद आए हैं जब भी ग़म-ओ-आलाम ही आए
तारों से सजा लेंगे राह-ए-शहर-ए-तमन्ना
मक़दूर नहीं सुभो चलो शाम ही आए
यादों के वफ़ाओं के अक़ीदों के ग़मों के
काम आए जो दुनिया में तो इस नाम ही आए
क्या राह बदलने का गिला हमसफ़रों से
जिस राह से चले तेरे दर-ओ-बाम ही आए
थक हार के बैठे हैं सर-ए-कू-ए-तमन्ना
काम आए तो फिर जज़बा-ए-नाकाम ही आए
बाक़ी न रहे साख़ 'अदा' दश्त-ए-जुनूँ की
दिल में अगर अंदेशा-ए-अंजाम ही आए