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% abbas01.s isongs output
\stitle{samay samay kii Khalish me.n teraa malaal rahe}
\singers{Farhat Abbas Shah}
% Contributed by Sana Ali



समय समय की ख़लिश में तेरा मलाल रहे
जुदाईयों में भी यूँ आलम-ए-विसाल रहे

अना की जंग में हम जीत तो गये लेकिन
फिर उस के बाद बहुत देर तक निढाल रहे

राह-ए जुनूँ में यही ज़ाद-ए-राह होता है
के जुस्तजू बड़े दिवांगी बहाल रहे

हसीं रातें भी महकें तुम्हारी यादों से
कड़े दिनों में भी पल पल तेरा ख़याल रहे

तू एक बार ज़रा किश्तियाँ जला तो सही
है क्या मजाल के एक लम्हा भी ज़वाल रहे