% abbas02.s isongs output
\stitle{aag ho to jalane me.n der kitanii lagatii hai}
\singers{Farhat Abbas Shah #2}
% Contributed by Sana Ali
आग हो तो जलने में देर कितनी लगती है
बर्फ़ के पिघलने में देर कितनी लगती है
चाहे कोई रुक जाये चाहे कोई रह जाये
क़ाफ़लों को चलने में देर कितनी लगती है
चाहे कोई जैसा भी हमसफ़र हो सदियों से
रास्ता बदलने में देर कितनी लगती है
ये तो वक़्त के बस में है के कितनी मोहलत दे
वर्ना बख़्त ढकने में देर कितनी लगती है
मोम का बदन लेकर धूप में निकल आना
और फिर पिघलने में देर कितनी लगती है
सोच की ज़मीनों में रास्ते जुदा हों तो
दूर जा निकलने में देर कितनी लगती है