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\stitle{kabhii aa.Nsuu kabhii Khushii bechii}
\lyrics{Abu Talib}
\singers{Abu Talib}
कभी आँसू कभी ख़ुशी बेची
हम ग़रीबों ने बेकसी बेची
चंद साँसे ख़रीदने के लिये
रोज़ थोड़ी सी ज़िंदगी बेची
जब रुलाने लगे मुझे साये
मैं ने उक़ता के रौशनी बेची
एक हम थे के बिक गये ख़ुद ही
वरना दुनिया ने दोस्ती बेची