% adam12.s isongs output
\stitle{phuulo.n kii Tahaniyo.n pe nasheman banaa_iiye}
\singers{Abdul Hamid Adam #12}
फूलों की टहनियों पे नशेमन बनाईये
बिजली गिरे तो जश्न-ए-चराग़ाँ मनाईये
%[nasheman = nest; jashn--charaaGaa.N = celebration of lights]
कलियों के अन्ग अन्ग में मिठा सा दर्द है
बीमार निकहतों को ज़रा गुद-गुदाईये
%[nikahat = fragrance]
कब से सुलग रही है जवानी की गर्म रात
ज़ुल्फ़ें बिखेर कर मेरे पहलू में आईये
बहकी हुई सियह घटाओं के साथ साथ
जी चाहता है शाम-ए-अबद तक तो जाईये
%[shaam-e-abad = unending evening]
सुन कर जिसे हवास में ठंडक सी आ बसे
ऐसी कोई उदास कहानी सुनाईये
%[havaas = sense and sensibility]
रस्ते पे हर क़दम पे ख़राबात हैं "आदम"
ये हाल हो तो किस तरह दामन बचाईये
%[Karaabaat = wine-bars]