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% adam13.s isongs output
\stitle{suuraj kii har kiraN terii suurat pe vaar duu.N}
\singers{Abdul Hamid Adam #13}



सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ

इतनी सी है तसल्ली कि होगा मुक़ाबला
दिल क्या है जाँ भी अपनी क़यामत पे वार दूँ

इक ख़्वाब था जो देख लिया नींद में कभी
इक नींद है जो तेरी मुहब्बत पे वार दूँ

"आदम" हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे
फिर क्यूँ न ज़िंदगानी को तुर्बत पे वार दूँ