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% adeeb02.s isongs output
\stitle{talKhii-e-may me.n zaraa talKhii-e-dil bhii ghole.n}
\singers{Krishan Adeeb #2}



तल्ख़ी-ए-मय में ज़रा तल्ख़ी-ए-दिल भी घोलें
और कुछ देर यहाँ बैठ के पी लें रो लें

%[talKii = bitterness]

हर तरफ़ एक पुर-असरार सी ख़ामोशी है
अपने साये से कोई बात करें कुछ बोलें

%[pur-asaraar = full of secrets]

कोई तो शख़्स हो जी-जान से चाहें जिस को
कोई तो जान-ए-तसव्वुर हो के जिस के हो लें

आह ये दिल की कसक हाए ये आँखों की जलन
नींद आ जाए अगर आज तो हम भी सो लें