% ahashmi01.s isongs output
\stitle{faasale aise bhii ho.nge ye kabhii sochaa na thaa}
\singers{Adeem Hashmi #1}
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे, और वो मेरा न था
वो कि ख़ुश्बू की तरह फैला था मेरे चार सू
मैं उसे महसूस कर सकता था, छू सकता न था
रात भर उस की ही आहट कान में आती रही
झाँक कर देखा गली में कोई भी आया न था
अक्स तो मौजूद थे पर अक्स तनहाई के थे
आईना तो था मगर उस में तेरा चेहरा न था
आज उसने दर्द भी अपने अलहदा कर दिये
आज मैं रोया तो मेरे साथ वो रोया न था
ये सभी वीरानियाँ उसके जुदा होने से थीं
आँख धुँधलाई हुई थी, शहर धुँधलाया न था
याद करके और भी तकलीफ़ होती थी "आदेएम"
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था