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\stitle{tum aa.Nkho.n se duur ho, huii nii.nd aa.Nkho.n se duur}
\lyrics{Aziz Kashmiri}
\singers{Aziz Kashmiri}



तुम आँखों से दूर हो, हुई नींद आँखों से दूर
मेरे साथी ग़म की चोट से हुआ दिल का शीशा चूर

मुझे शिकवा है तक़दीर से, नहीं तुमसे कोई ग़िला
मुझे लाकर यूँ पर्देस में मेरा सब कुछ छीन लिया
मेरी आँखों में आँसू आ बसे, हूँ रोने पर मजबूर
मेरे ज़ख़्म हुए पर्देसिया, आ रिस-रिस के नासूर

मुझे रोगी करके प्यार का, दिया ग़म का रोग लगा
मेरे जलते हुए चराग़ को मेरी, क़िस्मत गई बुझा
मुझे धोका दिया नसीब ने, नहीं मेरा कोई कुसूर
मुझे धोका दिया नसीब ने, नहीं मेरा कोई कुसूर