% akbar01.s isongs output
\stitle{duniyaa me.n huu.N duniyaa kaa talabagaar nahii.n huu.N}
\lyrics{Akbar Allahabadi}
\singers{Akbar Allahabadi}
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार नहीं हूँ
ज़िंदा हूँ मगर ज़ीस्त की लज़्ज़त नहीं बाक़ी
हर चंद की हूँ होश में, होशियार नहीं हूँ
इस ख़ाना-ए-हस्त से गुज़र जाऊँगा बेलौस
साया हूँ फ़क़त नक़्श बेदीवार नहीं हूँ
अफ़सुर्दा हूँ इबरत से, दवा की नहीं हाजित
ग़म का मुझे ये जो'फ़ है, बीमार नहीं हूँ
वो गुल हूँ ख़िज़ाँ ने जिसे बरबाद किया है
उलझूँ किसी दामन से मैं वो ख़ार नहीं हूँ
यारब मुझे महफ़ूस रख उस बुत के सितम से
मैं उस की इनायत का तलबगार नहीं हूँ
अफ़सुर्दगी-ओ-जौफ़ की कुछ हद नहीं "आक्बर"
काफ़िर के मुक़ाबिल में भी दींदार नहीँ हूँ