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% akhtarul07.s isongs output
\stitle{ittafaaq dayaar-e-Gair me.n koii jahaa.n na apanaa ho}
\lyrics{Akhtar ul Iman}
\singers{Akhtar ul Iman}
दयार-ए-ग़ैर में कोई जहां न अपना हो
शदीद कर्ब की घड़ियाँ गुज़ार चुकने पर
कुछ इत्तफ़ाक़ हो ऐसा कि एक शाम कहीं
किसी एक ऐसी जगह से हो यूँ ही मेरा गुज़र
जहाँ हुजूम-ए-गुरेज़ाँ में तुम नज़र आ जाओ
और एक एक को हैरत से देखता रहे
%[karb = sorrow; hujuum-e-gurezaa.N = running crowd]