% ameer01.s isongs output
\stitle{us kii hasarat hai jise dil se miTaa bhii na sakuu.N}
\singers{Ameer Minai}
उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ
ढूँढने उस को चला हूँ जिसे पा भी न सकूँ
%[hasrat = desire ]
डाल कर ख़ाक मेरे ख़ून पे क़ातिल ने कहा
कुछ येह मेहँदी नहीं मेरी के मिटा भी न सकूँ
ज़ब्त कम्बख़्त ने और आ के गला घोँटा है
के उसे हाल सुनाऊँ तो सुना भी न सकूँ
%[zabt = forbearance]
उस के पहलू में जो लेजा के सुला दूँ दिल को
नींद ऐसी उसे आये के जगा भी न सकूँ
%[pahaluu = lap ]
नक़्श-ए-पा देख तो लूँ लाख करूँगा सजदे
सर मेरा अर्श नहीं है कि झुका भी न सकूँ
बेवफ़ा लिखते हैं वो अपनी कलम से मुझको
ये वो क़िस्मत का लिखा है जो मिटा भी न सकूँ
इस तरह सोये हैं सर रख के मेरे ज़ानों पर
अपनी सोई हुई क़िस्मत को जगा भी न सकूँ