% ameer03.s isongs output
\stitle{ba.ndaa navaaziyo.n pe Khudaa-e-kariim thaa}
\lyrics{Ameer Minai}
\singers{Ameer Minai}
बंदा नवाज़ियों पे ख़ुदा-ए-करीम था
करता न मैं गुनाह तो गुनाह-ए-अज़ीम था
बातें भी की ख़ुदा ने दिखाया जमाल भी
वल्लाह! ख़्या नसीब जनाब-ए-कलीम था
दुनिया का हाल अहल-ए-अदम है ये मुख़्तसर
इक दो क़दम का कूचा-ए-उम्मिदो-बीम था
करता मैं दर्द्मंद तबीबों से क्या रजू
जिसने दिया था दर्द बड़ा वो हकीम था
समाँ-ए-उफ़्व क्या मैं कहूँ मुख़्तसर है ये
बंदा गुनाहगार था ख़लिक़ करीम था
जिस दिन था मैं चमन में हुआ ख़्वाह-ए-गुल 'आमेएर'
नाम-ए-सबा कहीं न निशान-ए-नसीम था