% ameer04.s isongs output
\stitle{jho.nkaa idhar na aae nasiim-e-bahaar kaa}
\lyrics{Ameer Minai}
\singers{Ameer Minai}
झोंका इधर न आए नसीम-ए-बहार का
नज़ुक बहुत है फूल चराग़-ए-मज़ार का
फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उसने कर लिया
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इन्तज़ार का
शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में
ज़ेवर उतार रहा है आरूस-ए-बहार का
हर गुल से लालाज़ार में ये पूछता हूँ मैं
तू ही पता बतादे दिल-ए-दाग़दार का
इस प्यार से फ़िशार दिया गोर-ए-तंग ने
याद आ गया मज़ा मुझे आग़ोश-ए-यार का
हिलती नहीं हवा से चमन में ये डालियाँ
मूँह चूमते हैं फूल आरूस-ए-बहार का
उठता है नाज़ा में वो सरहाने से अए 'आमेएर'
मिटता है आसरा दिल-ए-उम्मीदवार का