% amjad03.s isongs output
\stitle{dil ke dariyaa ko kisii roz utar jaanaa hai}
\lyrics{Amjad Islam Amjad}
\singers{Amjad Islam Amjad}
% Contributed by Imran
दिल के दरिया को किसी रोज़ उतर जाना है
इतना बेसिम्त न चल लौत के घर जाना है
उस तक आती है तो हर चीज़ ठहर जाती है
जैसे पाना ही उसे अस्ल में मर जाना है
बोल ऐ शाम-ए-सफ़र रंग-ए-रिहाई क्या है
दिल को रुकना है कि तारों में ठहर जाना है
कौन उभरते हुए महताब का रस्ता रोके
उसको हर तौर सू-ए-दश्त-ए-सहर जाना है
मैं खिला हूँ तो इसी ख़ाक में मिलना है मुझे
वो तो ख़ुश्बू है उसे अगले नगर जाना है
वो तेरे हुस्न का जादू हो के मेरा ग़म-ए-दिल
हर मुसाफ़िर को इसी घाट उतर जाना है