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\stitle{der lagii aane me.n tum ko shukar hai phir bhii aae to}
\singers{Andleeb Shadani #1}



देर लगी आने में तुम को शुकर है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो

शफ़क़ धनुक महताब घटाएं तारे नग़्में बिजली फूल
उस दामन में क्या क्या कुछ है वो दामन हाथ में आए तो

चाहत के बदले में हम तो बेच दें अपनी मर्ज़ी तक
कोई मिले तो दिल का गाहक कोई हमें अपनाए तो

क्यूँ ये महरंगेज़ तबस्सुम मद्द-ए-नज़र जब कुछ भी नहीं
हाए! अगर कोई अंजान अगर इस धोके में आ जाए तो

सुनी सुनाई बात नहीं है अपने उपर बीती है
फूल निकलते हैं शोलों से, चाहत आग लगाए तो

झूठ है सब तारीख़ हमेशा अपने को दोहोराती है
अच्छा मेरा ख़्वाब-ए-जवानी थोड़ा सा दोहराए तो

नादानी और मजबूरी में यारो कुछ तो फ़र्क़ करो
एक बेबस इन्सान करे क्या टूट के दिल आजाए तो