% anjum05.s isongs output
\stitle{Gamo.n ne gher liyaa hai mujhe to kyaa Gam hai}
\singers{Sardar Anjum #5}
ग़मों ने घेर लिया है मुझे तो क्या ग़म है
मैं मुस्कुरा के जियूँगा तेरी ख़ुशी के लिये
कभी कभी तू मुझे याद कर तो लेती है
सुकून इतना सा काफ़ी है ज़िन्दगी के लिये
ये वक़्त जिस ने पलट कर कभी नहीं देखा
ये वक़्त अब भी मुरादों के फल लाता है
वो मोड़ जिस ने हमें अजनबी बना डाला
उस एक मोड़ पे दिल अब भी गुन-गुनाता है
फ़िज़ायें रुकती हैं राहों पर जिन से हम गुज़रे
घटायें आज भी झुक कर सलाम करती हैं
हर एक शब ये सुना है फ़लक से कुछ परियाँ
वफ़ा का चाँद हमारे ही नाम करती हैं
ये मत कहो कि मुहब्बत से कुछ नहीं पाया
ये मेरे गीत मेरे ज़ख़्म-ए-दिल की रुलाई
जिंहें तरसती रही अन्जुमन की रन्गीनी
मुझ मिली है मुक़द्दर से ऐसी तनहाई