% anjum06.s isongs output
\stitle{teraa meraa jhaga.Daa kyaa jab ik aa.Ngan kii miTTii hai}
\singers{Sardar Anjum #6}
तेरा मेरा झगड़ा क्या जब इक आँगन की मिट्टी है
अपने बदन को देख ले छूकर मेरे बदन की मिट्टी है
भूखी प्यासी भटक रही है दिल में कहीं उम्मीद लिये
हम और तुम जिस में खाते थे उस बर्तन की मिट्टी है
ग़ैरों ने कुछ ख़्वाब दिखाकर नींद चुराली आँखों से
लोरी दे दे हार गई जो घर आँगन की मिट्टी है
सोच समझकर तुम ने जिस के सभी घरोंदे तोड़ दिये
अपने साथ जो खेल रहा था उस बचपन की मिट्टि है
चल नफ़रत को छोड़ के "आन्जुम" दिल के रिश्ते जोड़ के अंजुम
इस मिट्टी का क़र्ज़ उतारें अपने वतन की मिट्टी है