ACZoom Home | ITRANS | ITRANS Song Book |
% aqasmi12.s isongs output
\stitle{hairato.n ke sil-sile soz-e-nihaa.N tak aa gaye}
\singers{Ahmed Nadeem Qasmi #12}
हैरतों के सिल-सिले सोज़-ए-निहाँ तक आ गये
हम तो दिल तक चाहते थे तुम तो जाँ तक आ गये
ज़ुल्फ़ में ख़ुश्बू न थी या रंग आरिज़ में न था
आप किस की जुस्तजू में गुलिस्ताँ तक आ गये
ख़ुद तुम्हें चाक-ए-गिरेबाँ का शौउर आ जायेगा
तुम वहाँ तक आ तो जाओ हम जहाँ तक आ गये
उन की पलकों पे सितारे अपने होंठों पे हँसी
क़िस्सा-ए-ग़म कहते कहते हम यहाँ तक आ गये