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% athar02.s isongs output
\stitle{sochate aur jaagate saa.Nso.n kaa ik dariyaa huu.N mai.n}
\singers{Athar Nafees}
सोचते और जागते साँसों का इक दरिया हूँ मैं
अपने गुम-गश्ता किनारों के लिये बहता हूँ मैं
%[gum-gashtaa = lost]
जल गया सारा बदन इन मौसमों की आग में
एक मौसम रूह का है जिस में अब ज़िंदा हूँ मैं
मेरे होंठों का तबस्सुम दे गया धोखा मुझे
तूने मुझको बाग़ जाना, देख ले सेहरा हूँ मैं
देखिये मेरी पज़िराई को अब आता है कौन
लम्हा भर को वक़्त की दहलीज़ पर आया हूँ मैं
%[paziraa_ii = acceptance]