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% azra02.s isongs output
\stitle{Khizaa.N ke ra.ng me.n abhii bahaar baaqii hai}
\singers{Azra Adil Rashid}
% Contributed by Tariq Hussain
ख़िज़ाँ के रंग में अभी बहार बाक़ी है
चिराग़-ए-सहर है पर इन्तज़ार बाक़ी है
हमें सलाम करो ऐ हवादिस-ए-दौराँ
तुम्हारे साथ हैं फिर भी क़रार बाक़ी है
गुज़र चुका है उम्मीदों का क़ाफ़िला कब का
राह-ए-यक़ीन पे अब भी ग़ुबार बाक़ी है
हमें पुकार लो जब चाहो हम मिलेंगे वहीं
मिले हैं ख़ाक में लेकिन वक़ार बाक़ी है