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% azra03.s isongs output
\stitle{ik tum ke dil me.n dard kisii Gair ke liye}
\singers{Azra Adil Rashid #3}
% Contributed by Tariq Hussain



इक तुम के दिल में दर्द किसी ग़ैर के लिये
इक हम के दर्द बन गये ख़ुद आप के लिये

हम अपने आशियाने में तेरे मुंतज़िर
तुम तिंके चुन रहे थे किसी और के लिये

हम जानते हैं दिल में तुम्हारे नहीं हैं हम
जो ख़त तुम्हारी आँखों में थे हम ने पढ़ लिये

ग़म है के तू ने लूट लिया ऐतमाद को
इक दाग़ दे दिये हैं हमें उम्र के लिये

क़ातिल की इस अदा पे भी क़ुर्बान जाये
ख़ुद दे के ज़हर आँखों में आँसू भी भर लिये

थी कौन सी ख़ता के मिली जिस की ये सज़ा
हमने तो उम्र भर तेरे न्क़श-ए-क़दम लिये

"आज़्र" ये माना बोझ है अब तुझ पे ज़िंदगी
पर ज़िंदगी तो तेरी नहीं है तेरे लिये