% bashir16.s isongs output
\stitle{Khudaa ham ko aisii Khudaa_ii na de}
\singers{Bashir Badr #16}
% Additions by Fayaz Razvi and Amit K
ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे
अब इतनी भी ज़्यादा सफ़ाई न दे
%[Kataavaar = guilty]
हँसो आज इतना कि इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई न दे
अभी तो बदन में लहू है बहुत
कलम चीन ले रौशनाई न दे
मुझे अपनी चादर से यूँ ढाँप लो
ज़मीं आसमाँ कुछ दिखाई न दे
ग़ुलामी को बरकत समझने लगें
असीरों को ऐसी रिहाई न दे
%[barakat = blessing; asiiro.n = prisoners; rihaa_ii = freedom]
मुझे ऐसी जन्नत नहीं चाहे
जहान से मदीना दिखाई न दे
मैं अश्कों से नाम-ए-मुहम्मद लिखूँ
क़लम छीन ले रौशनी न दे
अभी तो बदन में लहू है बहुत
क़लम छीन ले रोशनाई न दे
ख़ुदा ऐसे इर्फ़ान का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे