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% bashir23.s isongs output
\stitle{aisaa lagataa hai zi.ndagii tum ho}
\singers{Bashir Badr}
% Contributed by Zafar Iqbal



ऐसा लगता है ज़िंदगी तुम हो
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो

अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो

मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
आसमानों की चाँदनी तुम हो

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो