ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% bashir32.s isongs output
\stitle{duaa karo ki ye paudhaa sadaa haraa hii lage}
\singers{Bashir Badr #32}



दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे
उदासियों से भी चेहरा खिला-खिला ही लगे

ये चाँद तारों का आँचल उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा ओड़े तो दूसरा ही लगे

नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही
ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे

अजीब शख़्स है नाराज़ होके हंसता है
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे