ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% bashir38.s isongs output
\stitle{Khushbuu kii tarah aayaa vo tez havaao.n me.n}
\singers{Bashir Badr #38}



ख़ुश्बू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में

तुम छत पर नहीं आये मैं घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत लटका सावन कि घटाओं में

इस शहर में इक लड़की बिल्कुल है ग़ज़ल जैसी
फूलों की बदन वाली ख़ुश्बू सी अदाओं में

दुनिया की तरह वो भी हँसते हैं मुहब्बत पर
डूबे हुये रहते थे जो लोग वफ़ाओं में