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\stitle{shammaa-e-mazaar thii na koii sogavaar thaa}
\lyrics{Bekhud Dehlvi}
\singers{Bekhud Dehlvi}



शम्मा-ए-मज़ार थी न कोई सोगवार था
तुम जिस पे रो रहे थे वो किसका मज़ार था

तड़पूँगा उम्र भर दिल-ए-मरहूम के लिये
कम्बख़्त नामुराद लड़कपन का यार था

जादू है य तिलिस्म तुम्हरी ज़ुबान में
तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था

क्या क्या हमरे सज्दे की रुसवाईयाँ हुईं
नक़्शे-क़दम किसी का सरे रहगुज़ार था