% daag10.s isongs output
\stitle{kaabe kii hai havas kabhii kuu-e-butaa.N kii hai}
\lyrics{DaaG Dehlvi}
\singers{Daag Dehlvi}
% Contributed by Yogesh Sethi
काबे की है हवस कभी कू-ए-बुताँ की है
मुझ को ख़बर नहीं मेरी मिट्टी कहाँ की है
%[kuu-e-butaa.N = beloveds street]
कुछ ताज़गी हो लज़्ज़त-ए-आज़ार के लिये
हर दम मुझे तलाश नये आसमाँ की है
%[lazzat-e-aazar = flavour of pain; thrill of pain]
हसरत बरस रही है मेरे मज़ार से
कहते हैं सब ये क़ब्र किसी नौजवाँ की है
क़ासिद की गुफ़्तगू से तसल्ली हो किस तरह
छिपती नहीं वो जो तेरी ज़बाँ की है
सुन कर मेरा फ़साना-ए-ग़म उस ने ये कहा
हो जाए झूट सच, यही ख़ूबी बयाँ की है
क्यूँ कर न आए ख़ुळ से आदम ज़मीन पर
मौज़ूँ वहीं वो ख़ूब है, जो शय जहाँ की है
%[Kuld = paradise; mauzuu.N = fit, well balanced]
उर्दू है जिसका नाम हमीं जानते हैं डाग
हिन्दुस्ताँ में धूम हमारी ज़बाँ की है