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\stitle{na jaao haal-e-dil-e-zaar dekhate jaao}
\singers{Daag Dehlvi #20}



न जाओ हाल-ए-दिल-ए-ज़ार देखते जाओ
कि जी न चाहे तो नाचार देखते जाओ

बहार-ए-उम्र में बाग़-ए-जहाँ की सैर करो
खिला हुआ है ये गुलज़ार देखते जाओ

उठओ आँख न शर्माओ ये तो महफ़िल है
ग़ज़ब से जानिब-ए-अग़यार देखते जाओ

हुआ है क्या अभी हंगामा अभी कुछ होगा
फ़ुगाँ में हश्र के आसार देखते जाओ

तुम्हारी आंख मेरे दिल से बेसबब-बेवजह
हुई है लड़ने को तय्यार देखते जाओ

न जाओ बंद किये आँख रहरवान-ए-अदम
इधर-उधर भी ख़बरदार देखते जाओ

कोई न कोई हर इक शेर में है बात ज़रूर
जनाब-ए-"डाग" के अशार देखते जाओ