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% daag21.s isongs output
\stitle{kahaa.N the raat ko hamase zaraa nigaah mile}
\singers{Daag Dehlvi #21}



कहाँ थे रात को हमसे ज़रा निगाह मिले
तलाश में हो कि झुठा कोई गवाह मिले

ये है मज़े की लड़ाई, ये है मज़े का मिलाप
कि तुझसे आँख लड़ी ???????????????????????

तेरा गुरूर समाया है इस क़दर दिल में
निगाह भी न मिलाऊँ तो बादशाह मिले

मसल-सल ये है कि मिलने से कौन मिलता है
मिलो तो आँख मिले, मिले तो निगाह मिले