ACZoom Home | ITRANS | ITRANS Song Book |
% ehsaan02.s isongs output
\stitle{sirf ashk-o-tabassum me.n ulajhe rahe}
\singers{Ehsaan Danish}
सिर्फ़ अश्क-ओ-तबस्सुम में उलझे रहे
हमने देखा नहीं ज़िंदगी की तरफ़
रात ढलते जब उनका ख़याल आ गया
टिक-टिकी बँध गई चाँदनी की तरफ़
कौन सा जुर्म है,क्या सितम हो गया
आँख अगर उठ गई, आप ही की तरफ़
जाने वो मुल्तफ़ित हों किधर बज़्म में
आँसूओं की तरफ़ या हँसी की तरफ़