ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% eliya05.s isongs output
\stitle{Khud se ham ik nafas hile bhii kahaa.N}
\singers{Jaun Eliya #5}
% Contributed by Irfan Sattar



ख़ुद से हम इक नफ़स हिले भी कहाँ
उस को ढूँढें तो वो मिले भी कहाँ

ख़ेमा-ख़ेमा गुज़ार ले ये शब
सुबह-दम ये क़ाफ़्ले भी कहाँ

अब त'मुल न कर दिल-ए-ख़ुद-काम
रूठ ले फिर ये सिल-सिले भी कहाँ

आओ आपस में कुछ गिले कर लें
वर्ना यूँ है के फिर गिले भी कहाँ

ख़ुश हो सीने की इन ख़राशों पर
फिर तनफ़्फ़ुस के ये सिले भी कहाँ