% eliya06.s isongs output
\stitle{Khud se ham ik nafas hile bhii kahaa.N}
\singers{Jaun Eliya #6}
% Contributed by Irfan Sattar
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
उस की याद की बाद-ए-सबा में और तो क्या होता होगा
यूँ ही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगे
बंद रहे जिन का दरवाज़ा ऐसे घरों की मत पूछो
दीवारें गिर जाती होंगी आँगन रह जाते होंगे
मेरी साँस उखड़ते ही सब बैं करेंगे रोएंगे
यानी मेरे बाद भी यानी साँस लिये जाते होंगे
यारो कुछ्ह तो बात बताओ उस की क़यामत बाहों की
वो जो सिमटते होंगे इन में वो तो मर जाते होंगे