% faakir02.s isongs output
\stitle{ishq me.n Gairat-e-jazabaat ne rone na diyaa}
\lyrics{Sudarshan Faakir}
\singers{Sudarshan Faakir}
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़बात ने रोने न दिया
वर्न क्या बात थी किस बात ने रोने न दीया
आप कहते थे के रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दीया
रोनेवालों से कह दो उनका भी रोना रोलें
जिनको मजबूरि-ए-हालात ने रोने न दीया
तुझसे मिलकर हमें रोना था बहोत रोना था
तंगी-ए-वक़्त-ए-मुलाक़ात ने रोने न दीया
एक दो रोज़ का सदमा हो तो रो लें 'फ़ाकिर'
हम को हर रोज़ के सदमात ने रोने न दीया