% faakir11.s isongs output
\stitle{merii zubaa.N se merii daastaa.N suno to sahii}
\lyrics{Sudarshan Faakir}
\singers{Sudarshan Faakir}
% Additions by: Fayaz Razvi
मेरी ज़ुबाँ से मेरी दास्ताँ सुनो तो सही
यक़ीँ करो न करो मेहेर्बाँ सुनो तो सही
चलो ये मान लिया मुज्रिम-ए-मोहब्बत हैं
हमारे जुर्म का हमसे बयाँ सुनो तो सही
बनोगे दोस्त मेरे तुम भी दुश्मनों एक दिन
मेरी हयात की आह-ओ-फ़ुग़ाँ सुनो तो सही
लबों को सी के जो बैठे हैं बज़्म-ए-दुनिया में
कभी तो उनकी भी ख़मोशियाँ सुनो तो सही
कहोगे वक़्त को मुजरिम भरी बहारों में
जला था कैसे मेरा आशियाँ सुनो तो सही