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\stitle{phir aaj mujhe tum ko bas itanaa bataanaa hai}
\singers{Sudarshan Faakir}



फिर आज मुझे तुम को बस इतना बताना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

मधुबन हो या गुल्शन हो पतझड़ हो या सावन हो
हर हाल में इंसाँ का इक फूल सा जीवन हो
काँतों में उलझ के भी ख़ुश्बू ही लुटाना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

हर पल जो गुज़र जाये दामन को तो भर जाये
ये सोच के जी लें तो तक़्दीर सँवर जाये
इस उम्र की राहों से ख़ुशियों को चुराना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

सब दर्द मिटा दें हम, हर ग़म को सज़ा दें हम
कहते हैं जिसे जीना दुनिया को सिखा दें हम
ये आज तो अपना है कल भी अपनान है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है