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% faiyaz03.s isongs output
\stitle{hame.n ko_ii Gam nahii.n thaa Gam-e-aashiqii se pahale}
\singers{Faiyyaz Hashmi}
% Additions by Sudhanshu



हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले

है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या क़सूर इस में
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िंदगी से पहले

मेरा प्यार जल रहा है ऐ चाँद आज छुप जा
कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँद्नि से पहले

मैं कभी न मुस्कुराता जो मुझे ये इल्म होता
कि हज़ारों ग़म मिलेंगे मुझे इक ख़ुशी से पहले

ये अजीब इम्तेहाँ है कि तुम्ही को भूलना है
मिले कब थे इस तरह हम तुम्हें बेदिली से पहले