% faiyaz04.s isongs output
\stitle{tasviir terii dil meraa bahalaa na sakegii}
\singers{Faiyyaz Hashmi #4}
% Contributed by Syed Sadiq Hasan Jafri
तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी
ये तेरी तरह मुझ से तो शर्मा न सकेगी
मैं बात करूँगा तो ये ख़ामोश रहेगी
सीने से लगा लूँगा तो ये कुछ न कहेगी
आराम वो क्या देगी जो तड़पा न सकेगी
ये आँखें हैं टह्हरी हूईं चंचल वो निगाहें
ये हाथ हैं सहमे हुये और मस्त वो बाहें
परछाई तो इंसान के काम आ न सकेगी
इन होंठों को "फ़ैय्यज़" मैं कुछ दे न सकूँगा
इस ज़ुल्फ़ को मैं हाथ में भी ले न सकूँगा
उलझी हुई रातों को ये सुलझा न सकेगी